Vol. 1 No. / ISSUE 6, Page 237 - 261, AUG (2024): One of the effects of migration on relatives left behind in the homeland sociological overview
यह शोधपत्र भारत मेंउभरतेप्रवासन पैटर्न और इसके अंतर्गत आनेवालेमुद्दों को समझनेका एक
प्रयास है। वैश्वीकरण, शहरीकरण और सामाजि क-आर्थि क स्थि ति यों मेंहोनेवालेपरि वर्तनों के साथ,
हाल के दि नों में प्रवासी शहरी क्षेत्रों की ओर आकर्षि त हो रहे हैं। उभरते प्रवासन पैटर्न में व्यापक
आर्थि क सुधारों के जवाब में शहरी भारत में प्रवासि यों के नि म्न सामाजि क-आर्थि क वर्ग मेंसीमि त
होने को दर्शा या गया है। प्रवासन पर नवीनतम एनएसएस डेटा हाल के प्रवासि यों की एक
नि राशाजनक और भि न्न तस्वीर को प्रकट करता है, जो पाँच वर्ष सेपहलेप्रवासि त हुए हैं। शहरी क्षेत्रों
में पुरुषों के बीच अंतर-राज्य प्रवासन में वृद्धि देखी गई है, जो नि म्न सामाजि क-आर्थि क वर्ग के
लोगों के प्रवासन को दर्शा ता है। प्रति व्यक्ति आय और अंतर-राज्य प्रवासन दर के बीच नकारात्मक
अंतर संबंध इसकी पुष्टि करते हैं। नि म्न आर्थि क वर्ग में शहरी प्रवासि यों की लगातार वृद्धि यह
दर्शा ती हैकि प्रवासन मेंगरीब वर्गों का वर्चस्व है। यह नि ष्कर्ष पि छलेएनएसएस दौर सेपूरी तरह से
अलग है, जहाँव्यक्ति की आर्थि क स्थि ति और प्रवासन की प्रवृत्ति के बीच सीधा संबंध देखा गया था।
10 वर्षों की अवधि में प्रवास के इस तरह के भि न्न पैटर्न के कारणों की वास्तव मेंजांच की जानी
चाहि ए। पहलेकी अवधि की तुलना मेंनि चलेसामाजि क समूहों का शहरी क्षेत्रों मेंअधि क प्रवास होता
है। प्रवास पैटर्न मेंयेसभी भि न्नताएँसामाजि क-आर्थि क वि कास मेंग्रामीण-शहरी असमानताओंऔर
बढ़ते शहरीकरण के कारण हैं। वर्तमान वि कास और शहरीकरण की वृद्धि , बढ़ती क्षेत्रीय
असमानताओंको देखतेहुए, यह संभावना हैकि अर्थव्यवस्था की बदलती प्रकृति के कारण भवि ष्य में
शहरी क्षेत्रों मेंप्रवास और अधि क बढ़ जाएगा। इसलि ए, उभरतेमुद्दों का पता लगाने, चुनौति यों की
पहचान करनेऔर शहरी वि कास के लि ए नीति स्तर पर आवश्यक मुख्य प्राथमि कताओंकी पहचान
करने के लि ए प्रवास के बदलते पैटर्न की जांच महत्वपूर्ण है। नीति स्तर पर प्रमुख चुनौती प्रवास
नीति यों को तैयार करना है, जि न्हेंरोजगार और सामाजि क सेवाओंसेजोड़ा जाना चाहि ए, ताकि शहरी
क्षेत्र मेंरहनेवालेप्रवासि यों की भलाई को बढ़ाया जा सके।